Sometimes friend's love harm and ruin our devlopment..But so called friends, who are not really friend but use our knowledge and wisdom for making their path soothe. This poem is dedicated to these friends who teach me this life long lesson. Dear..... You. When you would Reading this I know we wouldn't friend anymore... तो अब कोई फर्क नही पड़ता चलो आयना दिखाया ही जाए ए दोस्ती का याद है पहली बार कुछ लिखा था वो पानी की बूंदे अब सुक गई वो हवा के जोंकें ने सब तोड़ दिया... अब नही सुनना और जुठ अब ओर नही... कितने बहाने बनाओगे बात बात पे, प्लीज खुद से तो जुठ मत बोलना कब तक आखिर कब तक.... विश्वास के बदले जुठ दिखाओगे मैने तो मेरा सच दिया था लेकिन देख ही नही सके तुम कभी सही कहा था उस दिन के हम लोगों के बीच दोस्ती संभव ही नही... कभी नहीं... Though, अब भी.. You are the most wonderful character whom I meet in my life. You made place in my book with so many chapters ... And my doors are always open for the true one. जब कोई जुठ के सहारे के बिना जीना सीख लो, तो मुलाक़ात...